वर्तमान परिदृश्य और हिंदी की विविधता
वर्तमान परिदृश्य और हिंदी की विविधता विविधता का अर्थ है धर्म, भाषा, बोली, संस्कृति आदि में एकरूपता का अभाव।जैसे भारत वर्ष विविध रूपी संस्कृति का देश है।उसी के अनुरूप यहाँ की भाषाएँ और बोलियां भी अलग अलग प्रकार की हैं---- कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी। हिंदी भी इसका अपवाद नहीं है।विश्व [...]